हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) क्या है Hypertension के लक्षण और बचाव

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 हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) Hypertension क्या है 

Hypertension यानी हाई High Blood Pressure (उच्च रक्तचाप) एक खतरनाक बीमारी है। Hypertension रक्तचाप से जुड़ी एक ऐसी समस्या है जिसपर अधिकतर लोग बिलकुल भी ध्यान नहीं देते। वर्तमान समय में खासकर शहरों में, हर पांच व्यक्तियों में से एक व्यक्ति ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहा है। चाहे वो high blood pressure हो या low blood pressure. 

सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दे के रूप में उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। यह पहल उच्च रक्तचाप से जुड़े कारणों और जोखिम कारकों के अध्ययन पर अधिक ध्यान केंद्रित करके उच्च रक्तचाप की हमारी समझ को गहरा करने का भी प्रयास करती है।

इस महत्वपूर्ण विश्वव्यापी गतिविधि का विषय है अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें, दुनिया भर में जागरूकता की कम दरों का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करना, विशेष रूप से निम्न से मध्यम आय वाले क्षेत्रों में, और सटीक रक्तचाप माप विधियों पर ध्यान केंद्रित करना।

इस लेख में हम High Blood Pressure (उच्च रक्तचाप) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि हाई ब्लड प्रेशर क्या है, इसके लक्षण और कारण क्या है और इसकी वजह से कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है?

The theme of World Hypertension Day, 2023 is 'Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, Live Longer'

High Blood Pressure (उच्च रक्तचाप) दरअसल, एक ऐसी स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव काफी बढ़ जाता है और इसके कारण रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए हृदय को सामान्य से अधिक काम करने की जरूरत पड़ती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने की बड़ी वजह हाइपरटेंशन ही होती है।

इसके अलावा इससे मस्तिष्क, किडनी और अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि दुनियाभर में समय से पहले मौत का यह एक प्रमुख कारण है। इस समय पूरी दुनिया में 100 करोड़ से भी अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। हालांकि इससे पीड़ित बहुत से लोग इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं देते और इस वजह से यह समस्या गंभीर हो जाती है। यही वजह है कि हाइपरटेंशन को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है।

हमारा ह्रदय यानि दिल पुरे शरीर में रक्त को पंप करता है, ताकि शरीर के सभी अंगों को ऑक्सीजन के साथ-साथ बाकी सभी जरूरी पौषक तत्व मिल सके। दिल के रक्त को पंप करने के दौरान रक्त जिस दबाव से रक्त धमनियों (Blood Arteries) की दीवारों से टकराता है उस दबाव को रक्तचाप यानि ब्लड प्रेशर कहा जाता है।

अगर रक्त, रक्त धमनियों की दीवारों पर तेज दबाव बनाता है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर यानि उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) कहा जाता है। अगर रक्त धीमी गति या धीमे दबाव से रक्त धमनियों की दीवारों से टकराता है तो उसे लो ब्लड प्रेशर कहा जाता है। जब हमारा दिल शरीर में रक्त प्रवाह करने के लिए सिकुड़ता है, उस समय रक्त प्रवाह का दबाव सबसे ज्यादा होता है, इस दबाव के माप को प्रंकूचक (सिस्टोलिक- systolic) दबाव कहा जाता है। 

जिस समय दिल रक्त प्रवाह करने के बाद आराम की स्थिति में आता है, उस समय रक्त का दबाव बहुत कम हो जाता है, इस रक्त दबाव माप को प्रसारक (डायस्टोलिक- diastolic) दबाव कहा जाता है। वयस्कों के लिए सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg माना जाता है। आमतौर पर 140/90 mmHg से अधिक ब्लड प्रेशर को वयस्कों के लिए High माना जाता है और 90/60 mmHg को Low माना जाता है।

वर्तमान समय में खराब दिनचर्या के कारण लोगो को High Blood Pressure की समस्या होना आम बात होती जा रही है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या कोई आम बात नहीं है, अगर इसे काबू में न रखा जाए तो इसकी वजह से आपको किडनी संबंधित समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है तथा इसके कारण ब्रेन हेमरेज का खतरा भी रहता है, जिससे कई लोगों की मौत तक हो जाती है। ये समस्या आजकल आम हो गयी है।

 

हाइपरटेंशन के लक्षण | हाई ब्लड प्रेशर यानि हाइपरटेंशन होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं?

अन्य शारीरिक समस्याओं के मुकाबले हाइपरटेंशन की पहचान कर पाना काफी आसान होता है। क्योंकि जब किसी व्यक्ति को हाइपरटेंशन की समस्या होती है तो उसके शरीर में या उस व्यक्ति में काफी लक्षण प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देते हैं। हाइपरटेंशन होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :-

• सिर दर्द, सिर चकराना
• सांसें तेज चलना या सांस लेने में तकलीफ होना
• दिल की धड़कन बढ़ जाना
• थकान और सुस्ती या भ्रम लगना
• छाती में दर्द
• पसीने आना
• घबराहट होना
• आंखों से धुंधला दिखाई देना
• उल्टियाँ आना
• सांस लेने मे तकलीफ
• अनियमित दिल की धड़कन
• अचानक से ज्यादा प्यास लगना
• छाती, गर्दन, या कान में तेज दर्द होना


अगर आप इन लक्षणों को अपने अंदर महसूस कर रहें हैं तो आपको तुरंत ही इस बारे में अपने चिकित्सक से बात करनी चाहिए और हाइपरटेंशन यानि हाई ब्लड प्रेशर का उपचार शुरू करना चाहिए।

 

हाइपरटेंशन के कारण क्या हैं  | हाइपरटेंशन की समस्या क्यों होती है? 

आमतौर पर सभी लोगों में हाइपरटेंशन यानि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण है खाना। विशेषज्ञ कहते हैं कि हाइपरटेंशन का मुख्य कारण तनाव और अनियंत्रित खानपान होता है। अगर कोई व्यक्ति ज्यादा नमक या ज्यादा तेज मसालेदार खाना लेता है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसके अलावा मोटापा, नींद की कमी और तैलीय पदार्थों का अधिक भी इसके कुछ अन्य कारण हो सकते हैं।

इसलिए यह जरूरी है कि अपनी डाइट पर ध्यान दें। हर उम्र वर्ग में हाई ब्लड प्रेशर होने के कारण या जोखिम कारक अलग अलग हो सकते हैं, यहाँ तक कि महिलाओं और पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर के कारण भी भिन्न होते हैं। तो चलिए अब सबसे पहले हाई ब्लड प्रेशर के आम कारणों के बारे में जानते हैं जो कि निम्नलिखित है :-

• मानसिक और शारीरिक तनाव
• ज्यादा नमक या मसालेदार खाना लेना
• मोटापा या लगातार वजन बढ़ता
• रक्त से जुडी कोई अन्य समस्या
• हृदय से जुड़ी कोई समस्या
• किडनी से जुड़ी कोई समस्या
• वंशानुगत
• धूम्रपान करना
• बढ़ती उम्र
• ल्यूपस रोग
• ज्यादा शारीरिक गतिविधियां करना
• शराब का अधिक करना
• बाधक निंद्रा अश्वसन (obstructive sleep apnea)
• अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव थायराइड

उपरोक्त लिखे गए ये सभी वह सामान्य कारण या कारक है जिनकी वजह से अक्सर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। चलिए आगे हर उम्र वर्ग, महिलाओं और पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर के अन्य कारण जानते हैं:

महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर के कारण (High Blood Pressure in Women) 

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर होने के कारण पुरुषों से अलग हो सकते हैं और ऐसा हॉर्मोन्स के कारण होता है। दरअसल, महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को बढ़ाने वाले तीन मुख्य कारण है जिसमे – गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, और गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग शामिल है।
गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) का संकेत हो सकता है।

प्रीक्लेम्पसिया यह एक ऐसी संभावित खतरनाक स्थिति है जो गर्भवती महिला और उसके अजन्मे बच्चे को प्रभावित कर सकती है। प्रीक्लेम्पसिया के दौरान होने वाले ब्लड प्रेशर के लक्षण निम्नलिखित है :-
• सिर दर्द
• दृष्टि परिवर्तन (vision change)
• पेट में दर्द
• एडिमा के कारण सूजन
प्रीक्लेम्पसिया की समस्या से बचने के लिए महिला को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के तनाव से दूर रहना चाहिए।

 

किशोरों (teens) में हाई ब्लड प्रेशर के कारण (High Blood Pressure in Teens)

किशोरों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने के कारण अलग होते हैं जैसे की :
• मोटापा
• टाइप 2 मधुमेह
• शारीरिक या मानसिक तनाव
• जंक फ़ूड ज्यादा लेना
• ज्यादा जिम जाना
• गुर्दे की बीमारी
• स्नायविक स्थिति (a neurological condition)
• अंतःस्रावी रोग (endocrine disease) जो हार्मोन को प्रभावित करता है
• संवहनी रोग (vascular disease) जो रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है

बच्चों में हाइपरटेंशन की समस्या के कारण  (High Blood Pressure in Kids)

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बच्चों को भी प्रभावित कर सकती है। बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने के कारण निम्नलिखित है:-
• मोटापा
• मधुमेह
• ट्यूमर
• हृदय की समस्याएं
• किडनी से संबंधित समस्याएं
• थायरॉयड समस्याएं
• एक आनुवंशिक स्थिति, जैसे कुशिंग सिंड्रोम (Cushing’s syndrome)
बच्चों में मोटापा और मधुमेह हाई ब्लड प्रेशर का कारण और लक्षण दोनों हो सकते हैं। लेकिन सामान्य तौर पर बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण कम दिखाई देते हैं। वैसे निम्नलिखित लक्षणों से बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को पहचाना जा सकता है :-
• सरदर्द
• धुंधली दृष्टि
• नकसीर
• थकान

नवजात शिशुओं और बहुत छोटे बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के कारण (High Blood Pressure in Newborns)

नवजात शिशुओं और बहुत छोटे बच्चों को भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस बारे में बहुत ही कम लोगो को जानकारी है कि इतनी कम उम्र में भी इंतनी गंभीर समस्या हो सकती है। नवजात शिशुओं और बहुत छोटे बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने का मतलब होता है कि बच्चा गंभीर समस्या से जूझ रहा है, आप निम्नलिखित कारणों से इस बात की गंभीरता को समझ सकते हैं :-
• जन्म से या जन्म के बाद मधुमेह होना
• हृदय संबंधित कोई रोग
• जन्म से ही किडनी संबंधित समस्या
• अंतःस्रावी रोग (endocrine disease)

नवजात शिशुओं और बहुत छोटे बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर सामान्य से अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे की :
• सुस्ती
• बच्चे का ठीक से विकास न हो पाना
• चिड़चिड़ापन
• मिर्गी (Epilepsy)
• सांस लेने में परेशानी
अगर आप अपने बच्चे में उपरोक्त लक्षण महसूस कर रहे हैं तो तुरंत अपने चिकित्सक से इस बारे में बात करें।

हाई ब्लड प्रेशर की वजह से कौन-कौन सी समस्याएँ हो सकती है?

अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर यानि उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) की समस्या से जूझता है तो इसकी वजह से उन्हें कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है जो कि निम्नलिखित है :-
• खून के थक्के बनना
• दिल का दौरा और दिल की विफलता
• धमनीविस्फार (aneurysm)
• मस्तिक्ष आघात (brain stroke)
• आँखों में मोटी, संकरी या फटी हुई रक्त वाहिकाएँ
• किडनी की विफलता (उच्च रक्तचाप किडनी खराब होने के सबसे बड़े कारणों में शामिल है)
• उपापचयी सिंड्रोम (metabolic syndrome)
• मस्तिष्क गतिविधि और स्मृति समस्याएं

हाइपरटेंशन से बचाव के उपाय क्या हैं |  

हाइपरटेंशन से बचाव के लिए फल, सब्जियां और अंकुरित अनाज खाने की आदत बनाएं। इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम करें। इससे वजन के साथ-साथ ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है और सबसे जरूरी है कि तनाव और चिंता से तो बिल्कुल ही दूर रहें। शराब और धूम्रपान, दोनों ही सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। लक्षणों की पहचान करने के बाद आप अपने चिकित्सक की सलाह से दवाओं की सहायता से भी इस गंभीर समस्या से बड़ी आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।

कोशिश करें कि आप घर पर बना खाना ही लें, डिब्बाबंद और जंक फ़ूड से दुरी बना कर रखें, इससे आपको काफी सहायता मिलेगी। विशेषज्ञ कहते हैं कि अधिक मात्रा में शराब का सेवन हाई बीपी के खतरे को बढ़ाता है। यही हाल धूम्रपान का भी है। इससे भी ब्लड प्रेशर बढ़ता है। इसलिए आज से ही इन दोनों चीजों का त्याग करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, बीमारियों से बचें।


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