Rock Salt in hindi सेंधा नमक क्‍या है, यह कैसे बनता है, जानिए Sendha Namak खाने के फायदे क्‍या-क्‍या हैं?


Rock-Salt-in-hindi-sendha-namak-in-hindi

जैसा कि हम जानते हैं बहुत लंबे समय से हमारे पूर्वजों द्वारा सेंधा नमक का इस्तेमाल नियमित रूप से अपनी दैनिक दिनचर्या में किया जाता रहा है हालांकि आज के आधुनिक युग में जब नई-नई फैक्ट्रियां अलग-अलग ब्रांड के रूप में रिफाइंड नमक घर घर तक पहुंचा रहे हैं हालांकि ये शुद्ध सफेद नमक के फायदे हैं पर हम यह भूल जाते हैं कि सदियों से घर में इस्तेमाल किए जाने वाला सेंधा नमक के अपने ही फायदे हैं सेंधा नमक को हमेशा से उत्तम दर्जे का नमक माना गया है क्योंकि यह सफेद नमक से ज्यादा फायदेमंद होता है Rock salt in hindi सेंधा नमक का इस्तेमाल औषधीय गुणों के तौर पर भी किया जाता है

अक्सर देखा गया है की जब कोई समस्या उत्पन्न होती है जैसे लू लगना गर्मी के मौसम में तबीयत खराब होना तब अक्सर सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है सेंधा नमक अपनी शीतलता की वजह से पित्र दोष को दूर करने में काफी मदद करता है इसकी मदद से कई तरह की समस्याएं दूर हो सकती है 

सेंधा नमक को अलग-अलग जगह पर अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है सेंधा नमक कोलावरी नाम से भी जाना जाता है वैसे इसका इस्तेमाल तो ज्यादातर आज के वक्त में उपवास के समय खाई जाने वाली चीजों में किया जाता है हालांकि लोग यह नहीं जानते कि सेंधा नमक का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है सेंधा नमक को सोडियम क्लोराइड भी कहा जाता है जो कि इसका रसायनिक नाम है

 

सेंधा नमक कैसे बनाया जाता है | Sendha Namak in hindi


सेंधा नमक प्रचुर मात्रा में प्रकृति में उपलब्ध होता है यह एक माइनिंग प्रोसेस के द्वारा बड़े-बड़े चट्टानों से निकाला जाता है Sendha namak in english Rock Salt भी कहा जाता है इसमें भी किसी अन्य खनिज धातु की तरह माइनिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है और फिर इसको प्रोसेस करके लोगों तक पहुंचाया जाता है आपको यह जानकर हैरानी होगी बिना नमक का मुख्य रूप से उत्पादन पाकिस्तान के झेलम प्रांत में किया जाता है यहां पर सेंधा नमक की प्राकृतिक रूप से बड़ी-बड़ी खाने पाई जाती हैं एशिया में पाकिस्तान एक ऐसा देश है मुख्य रूप से सेंधा नमक का उत्पादन करता है और देशों को निर्यात करता है ज्यादातर सेंधा नमक पाकिस्तान के खेवरा साल्ट माइन से आता है

दरअसल, पाकिस्तान की खेवरा माइन्स से ही साल का 800 मिलियन टन से अधिक सेंधा नमक निकाला जाता है जो तरह-तरह के इस्तेमाल में लाया जाता है। ये सिर्फ खाने के ही नहीं बल्कि कमर्शियल इस्तेमाल के लिए भी एक्सपोर्ट होता है। पाक में सिंधु नदी के किनारे नमककोह और खेवड़ा नमक खान जैसी कई खदानें हैं, सिंधु नदी क्षेत्र में मिलने के कारण ही इसे सेंधा नमक, लाहौरी नमक या हिमालयी नमक कहा जाता है।


कुछ समय पहले तक भारत भी सेंधा नमक के लिए अपने पड़ोसी देशों पर निर्भर था बट हाल के दिनों में भारत में सेंधा नमक के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करनी है अब देश में ही तेरा नमक प्रचुर मात्रा में उत्पादित किया जाता है और वितरित किया जाता है सेंधा नमक हल्का गुलाबी रंग का होता है इसका मुख्य कारण उसने उपलब्ध मुख्य मिनरल्स का होना है जिसमें मुख्य रूप से मैग्नीशियम पोटेशियम आदि जैसे खनिज रात शामिल होते हैं


सेंधा नमक निकालने के लिए सबसे पहले सेंधा नमक की माइंस का पता लगाया जाता है जहां पर यह प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हो फिर उसके बड़े-बड़े पत्थरों को छोटे-छोटे पत्रों में तोड़ा जाता है इसके बाद इसे अलग-अलग विभाजित किया जाता है इसमें खासतौर पर 3 रंग होते हैं सफेद लाल और गुलाबी, यह रंग नमक की विशेषता को दर्शाते हैं अगर नमक सफेद रंग का होता है तो इसका मतलब इसमें सोडियम क्लोराइड की मात्रा बहुत ज्यादा है और अगर नमक Pink Salt in hindi गुलाबी  रंग का होता है तो इसमें मैग्नीशियम खनिज की मात्रा अधिक हो सकती है इसी प्रकार अगर नमक कारण लाल होता है तो इसका मतलब है कि इसमें आयरन की प्रचुरता हो सकती है

एक बार जब नमक का वर्गीकरण उसके गुणों के आधार पर लिया जाता है तो यह नमक के बड़े बड़े टुकड़े हुए फाइनल और मिलो मिले जाते हैं वहां पर इनको ग्राइंड किया जाता है और छोटे-छोटे आकार मैं तोड़ दिया जाता है इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद नमक को डिफाइन करके पैक किया जाता है और दुनिया भर में निर्यात किया जाता है

 

आखिर क्यों व्रत और उपवास में सेंधा नमक खाया जाता है 

अक्सर देखा जाता है हमारे देश में जब भी कोई बात करता है तो उस समय नमक को इस्तेमाल किया जाता है इसका मुख्य कारण यह है कि सेना नमक एक तो प्राकृतिक रूप से प्रकृति में प्राप्त होता है और इसको आयुर्वेद के अनुसार भी शरीर के लिए काफी सहज और शुद्ध माना गया है है हालांकि आज के आधुनिक युग में इसका प्रश्न केवल व्रत और उपवास तक ही सीमित रह गया है आयुर्वेद की माने तो सेंधा नमक का इस्तेमाल हमें अपनी दिनचर्या में सहज रूप से करना चाहिए |

 

सेंधा नमक खाने के क्या फायदे हैं | Sendha namak ke fayde


आयुर्वेद की मानें तो सेंधा नमक का सेवन करने के कई फायदे हैं। ये सर्दी और खांसी को ठीक करने के साथ-साथ डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं में भी राहत दिलाता है। आइए जानते हैं कि सेंधा नमक के सेवन से आपको कैसे-कैसे फायदे मिल सकते हैं:

अगर आपके मसूड़ों से खून आता है तो सेंधा नमक इस समस्या को ठीक करने में आपकी काफी मदद कर सकता है। इसके लिए आपको एक चम्मच सेंधा नमक, त्रिफला चूर्ण और नीम के चूर्ण को लेना है और इन सबका एक मिश्रण तैयार करना है। फिर इस मिश्रण से मसूड़ों की हल्के हाथ से मालिश करें और पानी से कुल्ला कर लें। ध्यान रहे कि इस मिश्रण की मात्रा एक चुटकी से ज्यादा बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।

सेंधा नमक पेट में मरोड़, पेट दर्द और गैस आदि का इलाज करने में काफी सहायक है। यह डाइजेशन प्रोसेस के लिए भी फायदेमंद है। भोजन में सेंधा नमक को मिलाकर खाने से भूख बढ़ने लगती है। सेंधा नमक पेट में एसिड की मात्रा को कम करने में मदद करता है और सीने में जलन की दिक्कत को भी दूर करता है। गर्मियों के मौसम में आप लस्सी में सेंधा नमक और पुदीने की ताजी पत्तियां मिलाकर पी सकते हैं।

यह भी माना जाता है कीसेंधा नमक से पेट के कीड़े भी मरते हैं। नींबू के रस में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।

आयुर्वेद के मुताबिक, सेंधा नमक वजन घटाने में भी आपकी काफी असरदार है। ये एक फैट बर्नर की तरह काम करता है। सेंधा नमक शरीर के मेटाबोलिज्म में सुधार करता है और भूख में कमी लाता है। इतना ही नहीं, ये शरीर से डेड फैट सेल्स को रिमूव करने में भी मदद करता है।

सेंधा नमक जोड़ों में दर्द और जकड़न से राहत दिलाने का काम भी करता है। एक कप सेंधा नमक की पोटली बनाकर इसे अच्छे से गर्म कर लें। अगर आप गर्मी बर्दाश्त कर सकते हैं तो इसे प्रभावित हिस्से पर लगाकर 4 से 5 मिनट तक सेंकें। ऐसा रेगुलर करने से आपको जल्द ही जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकता है।

Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!