लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित एक सिंगल-इंजन, चौथी पीढ़ी, सुपरसोनिक, मल्टीरोल लाइट फाइटर एयरक्राफ्ट है। विमान को फ्लाई-बाय-वायर तकनीक, एकीकृत डिजिटल एविओनिक्स और एक मल्टी-मोड रडार जैसी उन्नत सुविधाओं के साथ हल्के, फुर्तीले और अत्यधिक गतिशील होने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
तेजस हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों मिशनों में सक्षम है, और हथियारों और सेंसर की एक विस्तृत श्रृंखला से लैस है। भारतीय वायुसेना ने एलसीए तेजस लड़ाकू विमान को सेवा में शामिल कर लिया है और भारतीय नौसेना भी इस पर विचार कर रही है।
प्रौद्योगिकी और एलसीए तेजस | Technology of LCA Tejas
LCA तेजस सिंगल जनरल इलेक्ट्रिक F404-GE-F2J3 आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन द्वारा संचालित है। यह
इंजन F404 इंजन का व्युत्पन्न है जो F/A-18 हॉर्नेट विमान को शक्ति प्रदान करता है और अपने उच्च थ्रस्ट-टू-वेट अनुपात और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। इंजन तेजस को लगभग 80 kN का अधिकतम थ्रस्ट प्रदान करता है, जो विमान को लगभग 1.8 मैक (1,400 मील प्रति घंटे) की अधिकतम गति प्राप्त करने की अनुमति देता है। तेजस में उन्नत एविओनिक्स और फ्लाई-बाय-वायर तकनीक भी है, जो इसे उच्च स्तर की चपलता और गतिशीलता प्रदान करती है।
तेजस की खासियत:
मल्टी-मोड रडार Multi-mode radar: तेजस मल्टी-मोड रडार से लैस है जो विमान को हवा और जमीन दोनों लक्ष्यों का पता लगाने और ट्रैक करने की अनुमति देता है।
इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) सिस्टम Infrared Search and Track (IRST) system: तेजस एक इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) सिस्टम से लैस है, जो विमान को उनके इन्फ्रारेड उत्सर्जन के आधार पर लक्ष्यों का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने की अनुमति देता है।
इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सूट Electronic Warfare (EW) Suite: तेजस एक उन्नत EW सूट से लैस है, जिसमें रडार चेतावनी रिसीवर, लेजर चेतावनी रिसीवर और जैमर शामिल हैं।
हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले (HMD) Helmet-Mounted Display (HMD): तेजस हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले (HMD) से लैस है, जो पायलट को इंस्ट्रूमेंट पैनल को देखे बिना महत्वपूर्ण उड़ान जानकारी और लक्ष्य की जानकारी देखने की अनुमति देता है।
हेड-अप डिस्प्ले (एचयूडी) Head-Up Display: तेजस हेड-अप डिस्प्ले (एचयूडी) से लैस है, जो विंडस्क्रीन पर महत्वपूर्ण उड़ान जानकारी पेश करता है।
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस और भारतीय वायु सेना
Light Combat Aircraft Tejas and its Importance
तेजस विमान की कीमत क्या है What is cost of Tejas aircraft
तेजस के कितने संस्करण उपलब्ध हैं | How many versions of Tejas available
भारत के पास कितने तेजस विमान है तेजस के मुख्य संस्करण हैं
तेजस एमके 1 (Tejas Mk 1): तेजस का प्रारंभिक परिचालन संस्करण, जिसे भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया है।
तेजस एमके 1ए (Tejas Mk 1A): तेजस एमके 1 का एक उन्नत संस्करण, जिसमें सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए एरे (एईएसए) रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूट, और विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइलों से परे उन्नत जैसे कई सुधार शामिल हैं।
तेजस एमके 2 (Tejas Mk 2): तेजस का एक प्रस्तावित संस्करण, जो अभी भी विकास में है, एक अधिक शक्तिशाली इंजन, लंबी दूरी और हथियारों के बढ़ते भार की विशेषता है।
तेजस का नौसेना संस्करण Naval version of Tejas: भारतीय नौसेना ने भी एलसीए तेजस को एक वाहक-जनित लड़ाकू के रूप में उपयोग करने की योजना बनाई है, यह विकास के चरण में है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ये मुख्य संस्करण हैं और विमान के अन्य उप-संस्करण हैं जो प्रस्तावित किए गए हैं या विकास में हैं।
तेजस विमान में हथियारों का इस्तेमाल | Weapon use in Tejas aircraft
Air-to-air missiles
हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें: तेजस डर्बी और पायथन-5 जैसी बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइलों के साथ-साथ आर-73 और मैजिक II जैसी कम दूरी की मिसाइलों से लैस है।
Air-to-ground weapons
हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियार: तेजस जमीन पर हमला करने वाले मिशन के लिए कई तरह के बम और मिसाइल ले जा सकता है, जिसमें लेजर-गाइडेड बम, जीपीएस-गाइडेड बम और एजीएम-65 मेवरिक मिसाइल शामिल हैं।
बंदूकें: तेजस जीएसएच-23 ट्विन-बैरल 23 एमएम गन से लैस है, जो बाएं पंख की जड़ में स्थित है।
इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सूट: तेजस एक उन्नत EW सूट से लैस है, जिसमें रडार चेतावनी रिसीवर, लेजर चेतावनी रिसीवर और जैमर शामिल हैं।
मल्टी-मोड रडार: तेजस मल्टी-मोड रडार से लैस है जो विमान को हवा और जमीन दोनों लक्ष्यों का पता लगाने और ट्रैक करने की अनुमति देता है।
इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) सिस्टम: तेजस एक इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) सिस्टम से लैस है, जो विमान को उनके इन्फ्रारेड उत्सर्जन के आधार पर लक्ष्यों का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने की अनुमति देता है।
अन्य प्रणालियाँ: तेजस हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले (HMD), हेड-अप डिस्प्ले (HUD) और एक डिजिटल मैप डिस्प्ले (DMD) जैसी अन्य प्रणालियों से भी लैस है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इनमें से कुछ प्रणालियाँ पहले से ही तेजस में एकीकृत हैं, जबकि कुछ विकास में हैं या भविष्य में एकीकृत करने की योजना है।
तेजस खरीदने को इच्छुक देश Country interested to buy Tejas
भारत सरकार भी भारत में बने रक्षा उपकरणों के निर्यात को बढ़ाने पर जोर दे रही है, और LCA तेजस उन विमानों में से एक हो सकता है जिन्हें निर्यात के लिए माना जाता है। यह भी उल्लेखनीय है कि, भारत सरकार अन्य देशों के साथ अपने रक्षा संबंधों को मजबूत करना चाह रही है, इसलिए भविष्य में अन्य देशों द्वारा एलसीए तेजस को खरीदने में रुचि व्यक्त करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
तेजस की तुलना में अन्य विमान | Aircraft in Comparison of Tejas
ग्रिपेन और F-16 दोनों सिंगल-इंजन, मल्टीरोल फाइटर्स हैं जो हल्के और अत्यधिक गतिशील होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। मिग-29 और मिराज 2000 भी सिंगल-इंजन लड़ाकू विमान हैं, लेकिन वे तेजस और ग्रिपेन से थोड़े बड़े और भारी हैं।
इन वायुयानों की तुलना में तेजस को अपनी उन्नत वैमानिकी और फ्लाई-बाय-वायर तकनीक के मामले में कुछ लाभ हैं, जो इसे उच्च स्तर की चपलता और गतिशीलता प्रदान करता है। इसमें कुछ उन्नत विशेषताएं भी हैं जैसे एकीकृत डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टी-मोड रडार और इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (आईआरएसटी) प्रणाली।
एलसीए तेजस बाजार में मौजूद अन्य चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की तुलना में अधिक लागत प्रभावी है, जो इसे एक सक्षम, फिर भी किफायती, हल्के लड़ाकू विमान की तलाश कर रहे देशों के लिए एक प्रतिस्पर्धी विकल्प बनाता है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ये विमानों के केवल कुछ उदाहरण हैं जिनकी अक्सर तेजस से तुलना की जाती है, और बाजार में चौथी पीढ़ी के कई अन्य लड़ाकू विमान उपलब्ध हैं।
भारत के लिए क्यों अहम है तेजस | Why Tejas important for India
आत्मनिर्भरता: तेजस कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए एक आधुनिक लड़ाकू विमान के डिजाइन, विकास और उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए की गई थी।
सामरिक स्वतंत्रता: तेजस भारत को कुछ हद तक रणनीतिक स्वतंत्रता प्रदान करता है, क्योंकि यह अपने लड़ाकू विमानों के लिए विदेशों पर निर्भर नहीं है।
लागत-प्रभावशीलता: तेजस भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए एक लागत-प्रभावी विकल्प है, क्योंकि यह बाजार में उपलब्ध चौथी पीढ़ी के अन्य लड़ाकू विमानों की तुलना में कम खर्चीला है।
सामरिक और सामरिक लाभ: तेजस उन्नत एवियोनिक्स और फ्लाई-बाय-वायर तकनीक से लैस है, जो इसे उच्च स्तर की चपलता और गतिशीलता प्रदान करता है। इसमें कुछ उन्नत विशेषताएं भी हैं जैसे एकीकृत डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टी-मोड रडार और इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (आईआरएसटी) सिस्टम।
स्वदेशीकरण: तेजस कार्यक्रम उन्नत एयरोस्पेस प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और उत्पादन को बढ़ावा देकर भारतीय एयरोस्पेस उद्योग को स्वदेशी बनाने में भी मदद करता है।
निर्यात: एलसीए तेजस अन्य देशों को निर्यात के लिए भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह बाजार में चौथी पीढ़ी के अन्य लड़ाकू विमानों के लिए एक लागत प्रभावी और सक्षम विकल्प है।
रोजगार सृजन: तेजस कार्यक्रम एयरोस्पेस उद्योग में इंजीनियरों, तकनीशियनों और अन्य पेशेवरों के लिए नौकरी के अवसर पैदा करता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
भारतीय वायु सेना का आधुनिकीकरण: तेजस भारतीय वायु सेना के लिए एक अच्छा अतिरिक्त है, क्षमता को जोड़ता है और बल का आधुनिकीकरण करता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि तेजस न केवल एक विमान है, बल्कि भारत की तकनीकी क्षमताओं और वैश्विक एयरोस्पेस उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के उसके दृढ़ संकल्प का भी प्रतीक है।