बीमा क्या है यह कितने प्रकार का होता है Health बीमा के बारे में जानें hindimai

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बीमा क्या है (What is Insurance), बीमा का महत्व क्या है (Importance of insurance), बीमा के लाभ क्या हैं (benefits of insurance) और हमारे देश में बीमा के कितने प्रकार हैं (types of life insurance in India)? आज भी बहुत से लोगों को बीमा का मतलब (meaning of Insurance) नहीं पता हैं इसलिए आज के लेख में मैं आपको बीमा के बारे में बताने जा रहे हैं की बीमा क्या है और बीमा कितने प्रकार का होता है – What is Insurance and what are the Types of Insurance.

Insurance क्या होता है – Insurance यानि बीमा भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का प्रभावी हथियार है। हमें अपने भविष्य का नहीं की कल क्या होगा इसलिए हम बीमा पॉलिसी के जरिये भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोशिश करते हैं। बीमा का मतलब जोखिम से सुरक्षा है और अगर कोई बीमा कंपनी किसी व्यक्ति का बीमा करती है तो उस व्यक्ति को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है।

 

बीमा उद्योग का इतिहास | History of Insurance Industry

भारतीय जीवन बीमा कंपनी अधिनियम, 1912 भारत में बीमा कंपनियों को विनियमित करने वाला पहला अधिनियम था। बाद में 1938 में, जीवन और गैर-जीवन बीमा कंपनियों दोनों को एक अधिनियम के तहत लाने के लिए एक नया बीमा अधिनियम पारित किया गया। अधिनियम में समय-समय पर संशोधन किया गया है, लेकिन यह देश के लिए बीमा कानूनों के मूल में बना हुआ है।

1956 में जीवन बीमा उद्योग का राष्ट्रीयकरण किया गया, जिसमें निजी बीमा कंपनियों को मिलाकर एक जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का गठन किया गया। इसी तरह, निजी गैर-जीवन बीमा उद्योग का 1973 में एक सामान्य बीमा निगम के रूप में राष्ट्रीयकरण किया गया था।

हालांकि, बीमा क्षेत्र को अगस्त 2000 में नए खिलाड़ियों के लिए खोल दिया गया था, निजी बीमा कंपनियों को बीमा के कारोबार में अधिकतम 26% विदेशी होल्डिंग की अनुमति है। स्वास्थ्य बीमा की प्रभावशाली वृद्धि के बावजूद, यह अभी भी गैर-जीवन बीमाकर्ता के समग्र बीमा व्यवसाय का एक छोटा सा प्रतिशत बना हुआ है,


बीमा क्या है |What is Insurance

Insurance का मतलब (definition of insurance) होता है आने वाले खतरे से सुरक्षा करना यानि अपनी ज़िन्दगी (Life) और जायदाद (Property) से जुड़े Risk को Cover करने का एक विकल्प Insurance कहलाता है। लेकिन Insurance क्यों करवाना चाहिए (Why Should Insurance), Insurance किस तरीके से काम करता है (How Does Insurance Works), और Insurance कितने तरह का होता है (Types of Insurance) यह सब जानना भी तो जरुरी है। ताकि आप अपनी जरुरत के हिसाब से सही Insurance को चुन सकें। इसलिए आज के इस पोस्ट में मैं आपके लिए ले कर आई हूँ Insurance से जुड़ी सभी जानकरियां, तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें। चलिए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले पूरी तरह से Insurance का मतलब समझते हैं।

Insurance एक legal Agreement होता है जो दो Parties के बिच में होता है। वो दो Parties होती है Insurance Company और Insurance करवाने वाला व्यक्ति। तो इस Agreement के हिसाब से जो व्यक्ति Insurance कंपनी से अपना Insurance यानि बिना करवाता है तो उस व्यक्ति के भविष्य में होने वाले वित्तीय घाटे (Financial Loss) की भरपाई Insurance company करती है।

Insurance क्या है, Insurance क्यों करवाना चाहिए, Insurance किस तरीके से काम करता है और Insurance कितने तरह का होता है Insurance क्या है – What is Insurance in Hindi


कैसे काम करता है – How Does Insurance Works

Insurance Agreement के तहत Insurance company के द्वारा Insured person यानि की बीमित व्यक्ति से एक तय राशि (Fix Amount) लिया जाता है जिसे Premium कहते हैं। Premium लेने के बाद अगर उस Insured person को किसी भी तरह का नुकसान पहुँचता है तो Insurance Policy की Terms & Conditions के हिसाब से बीमित व्यक्ति के नुकसान की भरपाई की जाती है।

इसी तरह किसी Property जैसे की घर या गाड़ी का Insurance करवाया गया हो तो उस चीज के टूटने, फूटने या खोने जैसी स्थिति में उस Property के मालिक को पहले से निर्धारित की गई शर्तों (conditions) के आधार पर मुआवज़ा दिया जाता है।


Insurance कितने प्रकार का होता है – What are the Types of Insurance

Insurance मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है पहला जीवन बीमा यानि Life Insurance और दूसरा साधारण बीमा यानि General Insurance

 

जीवन बीमा क्या है – What is Life Insurance in Hindi

जीवन बीमा एक व्यक्ति (पॉलिसीधारक) और एक बीमा कंपनी के बीच एक अनुबंध है, जहां बीमाकर्ता बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर निर्दिष्ट लाभार्थियों को मृत्यु लाभ के रूप में ज्ञात राशि का भुगतान करने का वादा करता है। यह एक प्रकार का बीमा है जो पॉलिसीधारक के परिवार या आश्रितों को उनकी मृत्यु की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। जीवन बीमा का प्राथमिक उद्देश्य बीमित व्यक्ति के निधन के बाद पीछे छूट गए प्रियजनों को वित्तीय सुरक्षा और सहायता प्रदान करना है। मृत्यु लाभ का उपयोग विभिन्न खर्चों को कवर करने के लिए किया जा सकता है, जैसे अंतिम संस्कार की लागत, बकाया ऋण, बंधक भुगतान, शिक्षा व्यय और दैनिक जीवन व्यय।

जैसा की नाम से ही पता चलता की Insurance का ये प्रकार Insured person की life का Insurance करता है। यानि जो व्यक्ति अपना बिमा करवाता है उसकी अचानक मृत्यु हो जाये तो उसके परिवार को Insurance company मुआवज़ा देती है। इस Life Insurance का महत्व तब बढ़ जाता है जब घर के मुखिया की मृत्यु हो जाये और परिवार की Financial Security का ख्याल रखने वाला वही हो। तो ऐसे में उस व्यक्ति के ना रहने पर उसके परिवार को वित्तीय सहायता (financial support) मिलती है इसलिए मेरे हिसाब से Life Insurance जरूर करवाना चाहिए। ताकि आपके ना होने पर भी आपका परिवार वित्तीय रूप से सुरक्षित (financial secured) महसूस करे।

भारतीय जीवन बीमा निगम licofindia एक समृद्ध इतिहास और भरोसे की एक स्थायी विरासत का दावा करते हुए, बीमा क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान रखता है। licofindia 1956 में स्थापित, भारत में सबसे बड़ी सरकारी स्वामित्व वाली बीमा कंपनी है और देश के वित्तीय परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। अपने व्यापक नेटवर्क और बीमा उत्पादों की विविध रेंज के साथ, licofindia पूरे भारत में लाखों व्यक्तियों और परिवारों के वित्तीय भविष्य की सुरक्षा का पर्याय बन गया है।

 

जीवन बीमा पॉलिसियों के कई प्रकार उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:

टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term life insurance): इस प्रकार की पॉलिसी एक विशिष्ट अवधि या अवधि के लिए कवरेज प्रदान करती है, जैसे कि 10, 20 या 30 वर्ष। यदि बीमित व्यक्ति की अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो लाभार्थियों को मृत्यु लाभ का भुगतान किया जाता है। टर्म लाइफ इंश्योरेंस नकद मूल्य जमा नहीं करता है और आम तौर पर अन्य प्रकार के जीवन बीमा की तुलना में अधिक किफायती होता है।

संपूर्ण जीवन बीमा (Whole life insurance): इसे स्थायी जीवन बीमा के रूप में भी जाना जाता है, यह पॉलिसी बीमित व्यक्ति के पूरे जीवनकाल के लिए कवरेज प्रदान करती है। मृत्यु लाभ के अलावा, पूरे जीवन बीमा में एक बचत घटक भी शामिल होता है जिसे नकद मूल्य के रूप में जाना जाता है। संपूर्ण जीवन बीमा का प्रीमियम सावधि जीवन बीमा से अधिक होता है लेकिन पॉलिसीधारक के जीवन भर समान रहता है।

यूनिवर्सल लाइफ इंश्योरेंस (Universal life insurance): यह एक अन्य प्रकार का स्थायी जीवन बीमा है जो प्रीमियम और मृत्यु लाभ के मामले में लचीलापन प्रदान करता है। यूनिवर्सल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों को उनकी बदलती वित्तीय परिस्थितियों के आधार पर, निश्चित सीमा के भीतर प्रीमियम राशि और मृत्यु लाभ को समायोजित करने की अनुमति देता है। यह समय के साथ नकद मूल्य भी जमा करता है।

परिवर्तनीय जीवन बीमा (Variable life insurance): परिवर्तनीय जीवन बीमा निवेश विकल्पों के साथ मृत्यु लाभ को जोड़ता है। पॉलिसीधारक अपने प्रीमियम भुगतान को विभिन्न निवेश खातों, जैसे स्टॉक, बॉन्ड या म्यूचुअल फंड में आवंटित कर सकते हैं। अंतर्निहित निवेशों के प्रदर्शन के आधार पर नकद मूल्य और मृत्यु लाभ में उतार-चढ़ाव होता है।

जीवन बीमा व्यक्तियों और उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा और मन की शांति प्रदान करता है, यह सुनिश्चित करता है कि उनकी मृत्यु की स्थिति में उनके प्रियजनों की आर्थिक रूप से देखभाल की जाती है। प्रीमियम, मृत्यु लाभ और पॉलिसी सुविधाओं सहित कवरेज के विशिष्ट नियम और शर्तें, जीवन बीमा पॉलिसी के प्रकार और इसे प्रदान करने वाली बीमा कंपनी के आधार पर भिन्न होती हैं।


2. साधारण बीमा क्या है – What is General Insurance

सामान्य बीमा, जिसे गैर-जीवन बीमा के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का बीमा है जो विशिष्ट जोखिमों या खतरों के खिलाफ व्यक्तियों, व्यवसायों और संगठनों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। जीवन बीमा के विपरीत, जो मानव जीवन से जुड़े जोखिमों को कवर करता है, सामान्य बीमा संपत्ति और देनदारियों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करता है।

सामान्य बीमा पॉलिसियों को विभिन्न प्रकार के जोखिमों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि संपत्ति की क्षति, देनदारी के दावे, चोरी, दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदाएं और अन्य अप्रत्याशित घटनाएं। कुछ सामान्य प्रकार की सामान्य बीमा पॉलिसियों में ऑटो बीमा, गृह बीमा, स्वास्थ्य बीमा, यात्रा बीमा, देयता बीमा, समुद्री बीमा और व्यवसाय बीमा शामिल हैं।

सामान्य बीमा जोखिम पूलिंग के सिद्धांत पर काम करता है, जहां व्यक्ति या संस्थाएं बीमा कंपनी को प्रीमियम का भुगतान करती हैं, और बदले में, बीमाकर्ता किसी भी कवर किए गए नुकसान या क्षति के लिए उन्हें क्षतिपूर्ति करने के लिए सहमत होता है। बीमा पॉलिसी में सुरक्षा, बहिष्करण, कटौती और प्रीमियम की सीमा सहित कवरेज के नियम और शर्तें निर्दिष्ट हैं। सामान्य बीमा का उद्देश्य एक बीमा कंपनी को जीवन और व्यापार के विभिन्न पहलुओं से जुड़े जोखिमों को स्थानांतरित करके वित्तीय स्थिरता और मन की शांति प्रदान करना है। उपयुक्त बीमा कवरेज होने से, व्यक्ति और व्यवसाय खुद को उन वित्तीय नुकसानों से बचा सकते हैं जो अप्रत्याशित घटनाओं या दुर्घटनाओं के कारण उत्पन्न हो सकते हैं।

घर का बीमा (Home Insurance) – घर के Insurance की बात करें तो बहुत से लोग अपने घर का बिमा भी करवाते हैं। ऐसा करने से उनका घर भविष्य के लिए सुरक्षित हो जाता है यानि की अगर भविष्य में बीमित व्यक्ति के घर को किसी तरह का नुकसान पहुँचता है तो इसकी भरपाई Insurance company से हो जाती है। 

इस तरह के Insurance में बाढ़, भूकंप, आग, आकाशीय बिजली इत्यादि आपदाओं से घर को होने वाले नुकसान शामिल होते हैं। इसके अलावा हड़ताल, दंगा, चोरी और आतंकवाद जैसे आपदाओं के लिए भी Insurance Security दी जाती है।

स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) – Health Problems काफी ज्यादा बाढ़ गयी है या फिर यूँ  स्वास्थ पर होने वाला खर्च भी काफी ज्यादा बढ़ चूका है। ऐसे में अगर आप Health Insurance लेते हैं तो कोई भी बीमारी होने की हालत में इलाज का खर्चा Insurance company के द्वारा किया जाता है।

वाहन बीमा (Motor or Vehicle Insurance) – अगर आप अपने वाहन का बीमा कराये बिना उसे रोड पर चलाते हैं तो आपको पर जुर्माना लगता है। इस Insurance Policy के तहत आप आपके वाहन यानि की चाहे वो कार हो या Two Wheeler या Three Wheeler, उसको होने वाले नुकसान का मुआवज़ा बिमा कंपनी देती है। 

वाहन बीमा पॉलिसी का सबसे अधिक फायदा आपको तब होता है जब आपके वाहन से किसी को चोट लग गयी हो या किसी की अनजाने में मृत्यु हो गयी हो तो Insurance company के द्वारा ऐसे मामलों को Third Party Insurance के रूप में cover किया जाता है।

फसल बिमा (Crop Insurance) – मौजूदा नियमों के हिसाब से ऐसे किसान जो कृषि बिमा (Krishi Loan) लेते हैं उनके लिए Crop Insurance लेना बहुत जरुरी होता है। इस Insurance में Crop यानि की फसल को किसी भी प्रकार से होने वाले नुकसान यानि आग लगने, बाढ़ की वजह से या किसी बीमारी की वजह से फसल ख़राब होने की भरपाई Insurance company के द्वारा की जाती है। 

फसल बीमा पॉलिसी की शर्त बहुत कड़ी होती है और और इसमें लागत के हिसाब से मुआवजा नहीं मिलता इसी वजह से अभी किसानों में फसल बीमा के प्रति बहुत ज्यादा उत्साह नहीं देखा जाता। फसल बिमा में वास्तव में फसल खराब होने पर मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनियां उस खेत के आसपास मौजूद सभी खेत का सर्वे करती हैं और मुआवजा तभी दिया जाता है जब अधिकतर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा हो।

कारोबार उत्तरदायित्व बीमा (Business Liability Insurance) – ये Insurance किसी कंपनी के काम या उसके किसी product से consumer को होने वाले नुकसान की भरपाई करता है।

यानि किसी कंपनी के काम काज या उसके किसी उत्पाद की वजह से अगर किसी ग्राहक को कोई हानि होती है तो ऐसी स्थिति में कंपनी पर लगने वाला जुर्माना और क़ानूनी कार्यवाही का सारा खर्चा उठाने की जिम्मेदारी उस Insurance company की होती है जोकि उस कंपनी का Business Liability Insurance करती है। 

Travel Insurance – आजकल Travel insurance international भी काफी चलन में है और ये Travel insurance international यात्रा के दौरान होने वाले नुकसान से बचाव करती है। यानि अगर कोई व्यक्ति जिसने अपना Travel Insurance करवा रखा है, वो अगर काम के सिलसिले में या घूमने के उद्देश्य से विदेश जाता है और वहां उसे चोट लग जाती है या उसका सामान खोने जैसी घटनाएं हो जाती है तो इसका मुआवज़ा Insurance company उस व्यक्ति को देती है। आप Travel insurance online माध्यम से भी ले सकते हैं

 

स्वास्थ्य बीमा क्यों जरूरी है | Why Health insurance is Important

स्वास्थ्य बीमा एक प्रकार का बीमा कवरेज है जो बीमित व्यक्ति द्वारा किए गए चिकित्सा और शल्य चिकित्सा खर्चों के लिए भुगतान करता है। यह उच्च चिकित्सा लागतों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और व्यक्तियों और परिवारों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

जब आपके पास स्वास्थ्य बीमा होता है, तो आप बीमा कंपनी या नियोक्ता को नियमित प्रीमियम का भुगतान करते हैं। बदले में, बीमा कंपनी आपके चिकित्सा व्यय के एक हिस्से को कवर करने के लिए सहमत होती है जैसा कि पॉलिसी में उल्लिखित है। आपके द्वारा चुनी गई बीमा योजना के आधार पर विशिष्ट कवरेज और लाभ भिन्न हो सकते हैं।

स्वास्थ्य बीमा आमतौर पर स्वास्थ्य सेवाओं की एक श्रृंखला को कवर करता है, जिसमें डॉक्टर के दौरे, अस्पताल में रहने, सर्जरी, नुस्खे वाली दवाएं, निवारक देखभाल और कभी-कभी दंत चिकित्सा और दृष्टि देखभाल शामिल हैं। कवरेज का स्तर और लागत-साझाकरण व्यवस्था (जैसे कटौती योग्य, सह-भुगतान, और सह-बीमा) योजनाओं के बीच भिन्न हो सकते हैं।

स्वास्थ्य बीमा, किसी व्यक्ति को उनके स्वास्थ्य में किसी भी बदलाव के कारण होने वाले खर्च से बीमा करता है। यह एक अनुबंध है जिसमें बीमा कंपनियां किसी बीमार व्यक्ति के अस्पताल में चिकित्सा व्यय का भुगतान करती हैं। यह अस्पताल में भर्ती होने, उपचार, सर्जरी, अंग प्रत्यारोपण आदि से संबंधित खर्चों की प्रतिपूर्ति भी करता है। स्वास्थ्य बीमा समय के साथ किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य देखभाल खर्चों की भिन्नता से जुड़े वित्तीय जोखिम को वितरित करने का एक तरीका है।

 

Financial Protection: प्राथमिक कारणों में से एक स्वास्थ्य बीमा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। चिकित्सा व्यय बेहद महंगा हो सकता है, विशेष रूप से बड़ी बीमारियों, सर्जरी या दीर्घकालिक उपचार के लिए। स्वास्थ्य बीमा खर्चों के एक हिस्से को कवर करके इन लागतों को कम करने में मदद करता है। बीमा के बिना, आपको पूरे बिल का भुगतान अपनी जेब से करना होगा, जो अधिकांश व्यक्तियों और परिवारों के लिए आर्थिक रूप से विनाशकारी हो सकता है।

Quality Healthcare: स्वास्थ्य बीमा होने से आपको स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं के नेटवर्क तक पहुंच प्राप्त होती है। इसका मतलब है कि जब आपको इसकी आवश्यकता हो तो आप पूरी लागत के बारे में चिंता किए बिना चिकित्सा देखभाल प्राप्त कर सकते हैं। बीमा कवरेज आपको डॉक्टरों, विशेषज्ञों के पास जाने और बिना किसी देरी के आवश्यक उपचार या सर्जरी प्राप्त करने की अनुमति देता है, जिससे समय पर और उचित स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित होती है।

Preventive Care: कई स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में निवारक सेवाओं जैसे टीकाकरण, स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य जांच के लिए कवरेज शामिल है। ये निवारक सेवाएं अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं और संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का जल्द पता लगाने में मदद कर सकती हैं। प्रारंभिक अवस्था में बीमारियों या स्थितियों को पकड़कर, उनका इलाज करना अक्सर आसान और कम खर्चीला होता है, जिससे बेहतर स्वास्थ्य परिणाम मिलते हैं।

Peace of Mind: स्वास्थ्य बीमा यह जानकर मन की शांति प्रदान करता है कि अप्रत्याशित चिकित्सा जरूरतों के मामले में आपके पास सुरक्षा जाल है। यह उच्च चिकित्सा लागतों से जुड़े तनाव और चिंता को कम करता है। बीमा के साथ, आप चिकित्सा खर्चों के भुगतान के बारे में चिंता करने के बजाय अपने स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

Affordability of Medications: स्वास्थ्य बीमा में अक्सर प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के लिए कवरेज शामिल होता है। यह दवाओं को अधिक किफायती और सुलभ बना सकता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य स्थितियों का प्रबंधन करने के लिए आवश्यक दवाएं प्राप्त कर सकते हैं।

Legal Requirement and Employer Benefits: कई देशों में स्वास्थ्य बीमा होना एक कानूनी आवश्यकता है। कवरेज करने में विफलता के परिणामस्वरूप दंड या जुर्माना हो सकता है। इसके अतिरिक्त, कई नियोक्ता अपने कर्मचारी लाभ पैकेज के हिस्से के रूप में स्वास्थ्य बीमा प्रदान करते हैं। नौकरी के अवसरों पर विचार करते समय नियोक्ता-प्रायोजित स्वास्थ्य बीमा तक पहुंच व्यक्तियों के लिए एक आवश्यक कारक हो सकती है और वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा प्रदान कर सकती है।

कुल मिलाकर, स्वास्थ्य बीमा व्यक्तियों और परिवारों को उच्च चिकित्सा लागतों से बचाने, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित करने और निवारक देखभाल और बीमारियों का शीघ्र पता लगाने को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने, चिकित्सा खर्चों के प्रबंधन और मन की शांति प्रदान करने के लिए एक आवश्यक उपकरण है।


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स्वास्थ्य बीमा का प्रकार | Type of health insurance

स्वास्थ्य बीमा के कई प्रकार उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:

Employer-Sponsored Health Insurance: कई नियोक्ता अपने कर्मचारी लाभ पैकेज के हिस्से के रूप में स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करते हैं। इन योजनाओं को आम तौर पर नियोक्ता द्वारा बातचीत और सब्सिडी दी जाती है, जिसमें कर्मचारी पेरोल कटौती के माध्यम से लागत साझा करते हैं। नियोक्ता-प्रायोजित स्वास्थ्य बीमा अक्सर कई प्रकार के कवरेज विकल्प प्रदान करता है और इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के योगदान शामिल हो सकते हैं।

Individual Health Insurance: व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ व्यक्तियों या परिवारों द्वारा सीधे बीमा कंपनियों से खरीदी जाती हैं। ये योजनाएं रोजगार से बंधी नहीं हैं और स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए उपयुक्त हैं, जिनके पास नियोक्ता-प्रायोजित कवरेज तक पहुंच नहीं है, या ऐसे व्यक्ति जो अपने नियोक्ता से स्वतंत्र अपना बीमा कराना पसंद करते हैं।

Children's Health Insurance Program (CHIP): सीएचआईपी कम आय वाले परिवारों में अबीमाकृत बच्चों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करता है जो मेडिकेड के लिए अर्हता प्राप्त नहीं करते हैं। CHIP राज्यों द्वारा प्रशासित होता है, अक्सर मेडिकेड के साथ साझेदारी में, और बच्चों के लिए व्यापक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करता है।

Group Health Insurance: समूह स्वास्थ्य बीमा योजना लोगों के समूहों को प्रदान की जाती है, जैसे किसी कंपनी के कर्मचारी, पेशेवर संगठन के सदस्य या यूनियन के सदस्य। ये योजनाएँ एकल नीति के तहत व्यक्तियों के एक समूह के लिए कवरेज प्रदान करती हैं, आमतौर पर सामूहिक जोखिम पूलिंग के कारण व्यक्तिगत योजनाओं की तुलना में कम प्रीमियम के साथ।

Health Maintenance Organization (HMO): एचएमओ योजनाओं में आम तौर पर सदस्यों को एक प्राथमिक देखभाल चिकित्सक (पीसीपी) चुनने की आवश्यकता होती है जो उनके स्वास्थ्य देखभाल का समन्वय करता है और एचएमओ नेटवर्क के भीतर विशेषज्ञों को रेफरल प्रदान करता है। एचएमओ को आम तौर पर सदस्यों को आपात स्थिति या पूर्व प्राधिकरण के अलावा नेटवर्क के भीतर देखभाल की आवश्यकता होती है।

Preferred Provider Organization (PPO): पीपीओ योजनाएं एचएमओ की तुलना में अधिक लचीलापन प्रदान करती हैं। सदस्य रियायती दरों पर इन-नेटवर्क प्रदाताओं से देखभाल प्राप्त करना चुन सकते हैं या आउट-ऑफ-नेटवर्क प्रदाताओं से देखभाल प्राप्त कर सकते हैं, हालांकि आउट-ऑफ-नेटवर्क देखभाल के परिणामस्वरूप अधिक आउट-ऑफ-पॉकेट लागत हो सकती है।

Exclusive Provider Organization (EPO): नेटवर्क लचीलेपन के मामले में ईपीओ योजनाएं पीपीओ योजनाओं के समान हैं, लेकिन आपात स्थितियों को छोड़कर वे आउट-ऑफ-नेटवर्क देखभाल को कवर नहीं करती हैं।

Point of Service (POS): POS योजनाएँ HMO और PPO योजनाओं की विशेषताओं को जोड़ती हैं। सदस्य एक प्राथमिक देखभाल चिकित्सक चुनते हैं, लेकिन उनके पास उच्च लागत पर, नेटवर्क के बाहर देखभाल करने का विकल्प होता है।

ये उपलब्ध स्वास्थ्य बीमा के कुछ सामान्य प्रकार हैं। विशिष्ट विकल्प और उपलब्धता देश और बीमा बाजार के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। स्वास्थ्य बीमा के प्रकार का चयन करने के लिए कवरेज, लागत और नेटवर्क प्रदाताओं सहित प्रत्येक योजना के विवरण की समीक्षा करना महत्वपूर्ण है जो आपकी आवश्यकताओं के लिए सबसे उपयुक्त है।


भारत में स्वास्थ्य बीमा उत्पाद | Health Insurance Products in India

स्वास्थ्य बीमा की इस सुरक्षात्मक भूमिका के बारे में बढ़ती जागरूकता और स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के विपणन पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के कारण।स्वास्थ्य बीमा पोर्टफोलियो अब गैर-जीवन बीमा उद्योग के लिए सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार है। स्वास्थ्य बीमा वर्तमान में गैर-जीवन बीमा कंपनियों, विशेष स्वास्थ्य बीमा द्वारा पेश किया जाता है।

अस्पताल में भर्ती मुआवजा उत्पाद | Hospitalization Compensation Products

मेडिक्लेम मुआवजे की पूर्व-निर्धारित वार्षिक सीमा तक अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के लिए कवरेज प्रदान करने के लिए भारतीय बाजार में लॉन्च किया गया पहला मानकीकृत स्वास्थ्य बीमा उत्पाद था। ये उत्पाद व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती होने की लागत से बचाते हैं।

व्यक्तिगत दुर्घटना | Personal Accident

व्यक्तिगत दुर्घटना पॉलिसियों को स्टैंडअलोन आधार पर और अन्य स्वास्थ्य बीमा कवरों के साथ पैकेज्ड उत्पाद के रूप में पेश किया जाता है। यह पॉलिसी बीमित व्यक्ति को आकस्मिक मृत्यु और दुर्घटना के कारण होने वाली किसी भी प्रकार की विकलांगता से बचाती है। यह मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में अस्थायी विकलांगता के लिए एकमुश्त लाभ भुगतान और साप्ताहिक मुआवजा जैसी सुविधाएं प्रदान करता है।

गंभीर बीमारी | Critical illness

कैंसर, दिल का दौरा, कोमा या प्रमुख अंग विफलता जैसी बीमारियों के खिलाफ बीमा और उनके उपचार से संबंधित उच्च खर्चों को कवर करने के लिए गंभीर बीमारी उत्पाद पेश किए गए हैं।क्रिटिकल इलनेस बेनिफिट उत्पाद किसी विशिष्ट गंभीर बीमारी के निदान या कुछ प्रक्रियाओं से गुजरने पर बीमित व्यक्ति को एकमुश्त राशि प्रदान करते हैं।

वरिष्ठ नागरिक उत्पाद | Senior Citizen Products

सार्वजनिक और निजी बीमा कंपनियों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने वाले कुछ विशिष्ट उत्पाद उपलब्ध कराए गए हैं। ये उत्पाद वृद्धावस्था (यहां तक ​​कि कुछ उत्पादों में 80 वर्ष तक) में प्रवेश की अनुमति देते हैं और 80 या 90 वर्ष की आयु तक लगातार नवीनीकृत होते रहते हैं। इन उत्पादों में सह-भुगतान जैसी लागत-साझाकरण सुविधाएं और दावों को ट्रैक करने के लिए उप-सीमाएं शामिल हैं, क्योंकि इस उम्र में चिकित्सा दावों की संभावना अपेक्षाकृत अधिक होती है।

सूक्ष्म बीमा उत्पाद | Micro Insurance Products

माइक्रो-इंश्योरेंस उत्पादों को विशेष रूप से ग्रामीण और अनौपचारिक क्षेत्रों के कम आय वाले लोगों की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है। कम आय वाले लोग हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं और आमतौर पर उनके पास कोई स्वास्थ्य कवर नहीं होता है। इसलिए, यह कम मूल्य वाला उत्पाद, एक किफायती प्रीमियम और लाभ पैकेज के साथ, इन लोगों को सामान्य जोखिमों से उबरने और दूर करने में मदद करने के लिए पेश किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय कवरेज उत्पाद | International Coverage Products

विदेशी चिकित्सा बीमा योजना अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के दौरान होने वाली स्वास्थ्य आकस्मिकताओं से सुरक्षा के लिए एक अल्पकालिक विकल्प उपलब्ध हैं। विदेश यात्रा के दौरान अप्रत्याशित चिकित्सा उपचार की लागत बहुत अधिक हो सकती है। विदेशी चिकित्सा बीमा ऐसी अप्रत्याशित स्वास्थ्य आकस्मिकताओं को कवर करता है और बीमाधारक को भारत से बाहर यात्रा करते समय उच्च चिकित्सा लागतों से बचाता है।

अल्पावधि स्वास्थ्य बीमा उत्पाद | Short term health insurance product

कोरोना महामारी के दौरान हालिया विकास के अनुसार, भारतीय नियामक विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने समान विशेषताओं, नियमों और शर्तों वाली बीमा कंपनियों को 'कोरोना कवच' और 'कॉर्नोआ रक्षक' की पेशकश करने वाली दो मानक COVID-19 स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा की। सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं के लिए प्रतिपूर्ति-आधारित मानक COVID-19 उत्पाद की आपूर्ति करना अनिवार्य है, जबकि लाभ-आधारित उत्पाद की पेशकश करना सभी बीमाकर्ताओं के लिए वैकल्पिक है।

बीमा में विनियामक और सुधार | Regulatory and reforms in insurance 

'मल्होत्रा ​​समिति' (1994) ने बीमा नियामक की स्थापना के लिए किए गए सुधारों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। बाद में, वैधानिक प्राधिकरण, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) की स्थापना 2000 में की गई थी। जैसा कि भारत में स्वास्थ्य बीमा अपने शुरुआती चरण में है, देखभाल की लागत, इक्विटी, उपभोक्ता संतुष्टि, धोखाधड़ी और नैतिक मानकों के लिए स्वास्थ्य बीमा के प्रतिकूल परिणामों को रोकने में आईआरडीए की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है।


बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) की भूमिका

  • पॉलिसीधारक का सुरक्षा विनियमन और शिकायत निवारण।
  • वरिष्ठ नागरिकों और ग्रामीण/अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा तक पहुंच।
  • मानकीकरण पहल में आईआरडीए की भूमिका
  • लाइसेंसिंग और पंजीकरण, उपभोक्ता संरक्षण
  • उत्पाद और मूल्य और वित्तीय विनियमन
  • विनियमों का प्रवर्तन और ऑफसाइट ऑनसाइट निगरानी
  • उत्पाद नियम और शर्तें और मिस-सेलिंग की रोकथाम

 


स्वास्थ्य बीमा कैसे काम करता है | How Health Insurance Works

एक बीमा पॉलिसी एक 'दावा' का भुगतान करने का वादा करती है यदि कोई बीमित घटना पॉलिसी की शर्तों के अनुसार घटित होती है। एक 'दावा' उन दस्तावेजों और प्रक्रिया को भी संदर्भित करता है जिसके द्वारा बीमाधारक बीमा कंपनी से स्वीकार्य राशि की मांग करता है। एक बीमा कंपनी या तो सीधे अस्पताल (कैशलेस सुविधा) को भुगतान करती है और पॉलिसीधारक को बीमारी से संबंधित खर्चों की प्रतिपूर्ति करती है या उत्पाद के आधार पर बीमारी होने पर एक निश्चित लाभ वितरित करती है।


कैशलेस क्लेम सुविधा क्या है | What is cashless claim facility

कैशलेस अस्पताल में भर्ती एक बीमाकर्ता द्वारा प्रदान की जाने वाली एक सेवा है जिसमें बीमाधारक को अस्पताल से छुट्टी मिलने पर अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को पॉलिसी द्वारा कवर की गई सीमा तक निपटाने की आवश्यकता नहीं होती है। निपटान सीधे बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है। हालांकि, मरीज को अस्पताल में भर्ती करने से पहले पूर्व अनुमति जरूरी है।


कैशलेस दावों के प्रकार | Type of Cashless Claims

Planned- जहां बीमाधारक को दो-तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी होती है।

Emergency- जहां बीमित या कोई आश्रित कवर सदस्य अचानक घटना या दुर्घटना या चिकित्सा आपातकालीन बीमारी से पीड़ित हो जाता है जिसके लिए तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है।

कैशलेस सुविधा सिर्फ नेटवर्क अस्पतालों में ही दी जाती है।


What is Reimbursement claim facility

इस प्रक्रिया में बीमाधारक को अस्पताल से छुट्टी के समय पॉलिसी द्वारा कवर की गई सीमा तक अस्पताल में भर्ती और उपचार में शामिल अपने सभी चिकित्सा बिलों और अन्य लागतों का भुगतान करना होगा दावा प्राप्त करने के लिए, आपको बीमा प्रदाता को मूल बिल सहित आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। एक बीमा कंपनी अपने स्वयं के दावा प्रसंस्करण विभाग ('इन-हाउस') के माध्यम से एक दावे का निपटान करती है या एक तृतीय-पक्ष प्रशासक (TPA) के साथ, जो बीमा कंपनी की ओर से ऐसा करने का वचन देता है।


नेटवर्क और गैर-नेटवर्क वाले अस्पताल | Network & Non-Network hospitals

एक अस्पताल, जिसका कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए टीपीए/बीमाकर्ता के साथ एक समझौता है, उसे 'नेटवर्क अस्पताल' कहा जाता है। गैर-नेटवर्क वाले अस्पताल वे हैं जिनका टीपीए के साथ कोई समझौता नहीं है और इन अस्पतालों में इलाज कराने वाले किसी भी पॉलिसीधारक को उपचार के लिए भुगतान करना होगा और बाद में प्रतिपूर्ति प्रक्रिया के अनुसार दावा करना होगा।


शिकायत निवारण और पॉलिसीधारकों का संरक्षण (Grievance Redressal and Protection of Policyholders)

जब किसी पॉलिसीधारक को कोई शिकायत करनी हो, तो उसे सबसे पहले बीमाकर्ता के शिकायत या उपभोक्ता शिकायत प्रकोष्ठ से संपर्क करना चाहिए। जवाब न मिलने या संतोषजनक जवाब न मिलने की स्थिति में, पॉलिसीधारक आईआरडीए के शिकायत निवारण प्रकोष्ठ को लिख सकता है, नियम के अनुसार, प्रत्येक बीमाकर्ता के पास पॉलिसीधारकों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक शिकायत निवारण प्रणाली होनी चाहिए।

आईआरडीए के पास एक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ है, जो त्वरित समाधान के लिए संबंधित कंपनियों के साथ-साथ बीमाकर्ताओं के विरुद्ध शिकायत करके एक सुविधाजनक भूमिका निभाता है। इसके अलावा 20 लाख रुपये तक के व्यक्तिगत बीमा दावों से संबंधित शिकायतों के लिए व्यक्ति बीमा लोकपाल के पास जा सकता है। पॉलिसीधारक उपभोक्ता न्यायालयों और सिविल न्यायालयों जैसे अन्य चैनलों से भी संपर्क कर सकता है।


स्वास्थ्य बीमा उद्योगों का भविष्य | Future of Health Insurance industries

विदेशी बीमा कंपनियों को भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने हाल ही में बीमा में एफडीआई को 74% तक सीमित करने का प्रस्ताव दिया है। बीमा उद्योग भारत में गैर-जीवन बीमा क्षेत्र में सबसे तेजी से बढ़ने वाला खंड है। पूरे गैर-जीवन बीमा क्षेत्र में 24% की बाजार हिस्सेदारी के साथ बाजार ने वित्त वर्ष 17 में 24% की मजबूत दो अंकों की वृद्धि देखी।

यह सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार हिस्सा रहा है, जिसने पिछले 10 वर्षों में 23% का CAGR दर्ज किया है। इस अभूतपूर्व वृद्धि का श्रेय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण और स्वास्थ्य सेवा पर जनता के बीच बढ़ती सामान्य जागरूकता को दिया जा सकता है। आयुष्मान भारत के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना सितंबर 2018 में शुरू की गई थी, जिसमें 100 मिलियन से अधिक कमजोर परिवारों को 500,000 रुपये (7,723) तक का कवरेज प्रदान करने का प्रावधान था, जिसने भारत में बीमा की पैठ बढ़ गई।

भारतीय परिवारों की बढ़ती समृद्धि उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सहायता की मांग को बढ़ा रही है क्योंकि स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य बीमा पर सरकारी खर्च की राशि बहुत सीमित है। इसलिए, निजी क्षेत्र का स्वाभाविक ध्यान अभिनव समाधान विकसित करना है जो अधिक भारतीयों को बीमा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है। भारत के लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए बीमा एक उभरता हुआ महत्वपूर्ण वित्तीय साधन है।

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